Facts About Shodashi Revealed
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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।
हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना
॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥
She may be the a single owning Serious splendor and possessing energy of delighting the senses. Remarkable intellectual and emotional admiration in the three worlds of Akash, Patal and Dharti.
काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥
देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं
या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥
The Sadhana of Tripura Sundari is often a harmonious mixture of trying to find satisfaction and striving for liberation, reflecting the dual facets of her divine mother get more info nature.
Reply ray February 26, 2021 Hello sharma, is this feasible to be aware of where by did you found that exact shodashi mantra, since it is completely unique from unique and that is extended.